हाइलाइट्स
- चंडीगढ़ मेयर चुनाव में धांधली पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला
- कहा- चुनाव दोबारा नहीं होंगे लेकिन अवैध वोटों को वैध मानकर होगी गिनती
- रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह से पूछा – बताइए कहां बैलेट पेपर अवैध हैं?
नई दिल्ली: चंडीगढ़ मेयर चुनाव में धांधली के मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला लिया है। सुप्रीम अदालत ने मेयर चुनाव के वोटों की गिनती दोबारा करने का आदेश दिया है। हालांकि कोर्ट ने यह भी साफ किया कि मेयर के चुनाव दोबारा नहीं होंगे। मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट भी काफी सख्त दिखा। कोर्ट ने कहा कि मत पत्र में कोई गड़बड़ी नहीं है। कोर्ट ने रिटर्निंग अफसर अनिल मसीह से पूछा कि बताइए बैलेट पेपर में गड़बड़ी कहां थी। कोर्ट ने कहा कि 8 अवैध बैलेट को वैध मानकर हम काउंटिंग का आदेश देंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने ले ली रिटर्निंग अफसर की क्लास
सुप्रीम कोर्ट ने अदालत के अंदर बकायदा उस दिन की घटना का वीडियो भी देखा। मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अनिल मसीह को बैलेट पेपर को दिखाते हुए पूछा कि बताएं यह कैसे अवैध है? इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि हम दोबारा मेयर चुनाव कराने की इजाजत नहीं देंगे लेकिन हम अवैध बैलेट को वैध मानकर काउंटिंग का आदेश देंगे। इसके बाद यह बात भी साफ हो गई कि चंडीगढ़ में आम आदमी पार्टी का मेयर बनेगा।
मतपत्र कहां से खराब है?
अदालत ने यह भी पाया कि जो 8 मतपत्र पहले अमान्य कर दिए गए थे उन सभी में कुलदीप कुमार के पक्ष में वोट डाले गए थे। चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने वकीलों को ये मतपत्र दिखाए और कहा कि इन सभी पर आप के कुलदीप कुमार के लिए मुहर है और उन्हें ही वोट दिया गया था। लेकिन रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह ने इनपर एक लाइन खींच दी। चीफ जस्टिस ने अनिल मसीह से सवाल किया कि कल अदालत में उन्होंने कहा था कि उन्होंने लाइन इसलिए खींची क्योंकि मतपत्र खराब थे। लेकिन वे मतपत्र कहां से खराब हैं?